जग्गानाथ मंदिर के रत्न सिंहासन तक समुद्र



“बाईसी पाबछे मीन खेलथुब सिंघासने वरुणो,
मक्का मदीनारे घोर जुद्धो हेबो मरिबे बिधर्मीगण।”

अर्थात –
भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध की सुरुआत होगी तब श्रीजगन्नाथ मंदिर में 22 पाबच्छ अर्थात बाइस सीढ़ियों को चढ़ कर भक्तजन भगवान जगन्नाथजी और उनके रत्न सिंघासन का दर्शन करते हैं, उसी रत्न सिंघासन तक समंदर अपनी सीमा को लांघकर आजायेगा। रत्न सिंघासन पर मछलियां खेलेंगी उस वक्त जगन्नाथजी अपने स्थान पर नही होंगे, जगन्नाथजी के रत्न सिंघासन पर वरुण देवता विराजमान होंगे, आर्थात उसी वक्त सम्पूर्ण जगन्नाथ मंदिर समुद्र के जल में डूब जाएगा। उसी युद्ध की शुरुआत के वक्त विश्व के एक और स्थान मक्का मदीना में भी घोर संग्राम हो रहा होगा। यह सभी घटनायें लगभग एक ही समय घटित होगी।