“संबल नगरे विष्णु जशा घरे प्रभु जहां जनमीबे
सुधर्मा सभाटी श्री जाजनगरे प्रभु आप विस्तारीबे”
अनुवाद:-
संबल नगर में और एक पवित्र ब्राह्मण के घर जो भगवान विष्णु की महिमा गाते होंगे |
प्रभु वहीं जन्म ग्रहण करेंगे श्री जाजनग्र में सुधर्मा सभा का स्थापन करके | प्रभु स्वयं उसे विस्तार करेंगे
अर्थ:-
महाप्रभु अच्युतानंद ने अपने तेरह जन्म सरण ग्रन्थ में यह प्रमाण किया की बिरजा क्षेत्र ही संभल ग्राम है। चूंकि भगवान कल्कि, संबल नगर और भगवान विष्णु की स्तुति करने वाले एक पवित्र ब्राह्मण के घर में जन्म ग्रहण करेंगे, प्रभु सुधर्मा संभा नाम से जाजनग्र अथवा जाजपुर से एक संगठन शुरू करेंगे। दुनिया में कई संगठन हैं, लेकिन उनमें से कोई भी संघठन जिसका नाम “सुधर्मा महा महा संघ” हो और जो, बिरजा क्षेत्र (जाजपुर) से शुरू किया गया हो ऐसा संघठन कोई भी नहीं है ।
तो इन पदों में हमें यह प्रमाण मिलता है कि जब भगवान कल्कि बिरजा क्षेत्र में जन्म लेंगे तो “सुधर्मा महा महा संघ” नाम से संगठन शुरू करेंगे । संपूर्ण विश्व में “सुधर्मा महा महा संघ” मालिका का प्रचार करेगा , धर्म सभा करेगा ,धर्म की स्थापना के लिए सभी भक्तों का एकत्रीकरण करेगा और प्रभु के नेतृत्व में पूरे विश्व में सनातन धर्म की स्थापना भी की जाएगी।