भविष्य मालिका ग्रंथ को सभी नहीं समझेंगे, कुछ तो मज़ाक़ भी उड़ाएँगे। इसलिए मूर्खों से बहस नहीं करे। यह बात पंचसखा भी पहले से जानते थे। इस पर उन्होंने कुछ ऐसा लिखा है।
श्री चरणो थुईं बारे सत्य एबे करो ।
केबे न कहिबो मूर्खों जानो रो पाखोरो ।।
अर्थात्-
श्री चरणो को छू कर शपत करो कि मूर्खों के आगे ये बात मत कहना क्यूँकि
कड़ी युगों लोकों बड़ों आंटुआ ।
कहिबे ए सबू गंजई खिया ।।
कलियुग के लोग बड़े ज़िद्दी है कहेंगे ये सब गाँजा पीकर लिखे है।