भविष्य मालिका बंगाल में प्रसिद्ध वैष्णव भक्त चैतन्य महाप्रभु के समय में लिखी गई थी। इस ग्रंथ के लेखक, भक्त अच्युतानंद, चैतन्य महाप्रभु के मित्र थे और उनके भविष्यवाणियों को भविष्य मालिका के माध्यम से लिखा गया था। भक्त अच्युतानंद के अनुसार, जो वर्तमान में हो रहा हैं, उसकी जानकारी छह सौ वर्ष पहले दी गई थी।
भगवान बलराम गरुड़ को कलियुग के भविष्य के बारे में बताते हैं, कहते हैं, “हे गरुड़, जब कलियुग का अंत होगा, तो हर जगह युद्ध होगा और दिन को अंधकार ढ़क लेगा। उस समय, दुनिया में एक महाप्रलय होगा। उस समय, राक्षस स्वभाव के लोग धनी हो जाएंगे और दकैत दुनिया में स्वतंत्रता से घूमेंगे।”
भविष्य मालिका भक्तों में आने वाले समय को लेकर उनमें चेतना जागृत करेगा और प्रभु के आने का उन्हें पूर्व से सूचित करेगा। मालिका सभी के लिए नहीं है, यह सिर्फ़ भक्तों तक ही पहुँचेगी और भक्त ही इसे पढ़ पाएगा। किसी अन्य व्यक्ति जो इसके बारे में सुन भी लेगा या पढ़ भी लेगा तो वह इस ग्रंथ को मिथ्या मान कर इसका अंदर कर देगा, पर मेरा भक्त इसे एक बार पढ़कर ही समझ जाएगा।