बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात ‘मिचौंग’ के कारण पिछले 3-4 दिनों से हो रही लगातार बारिश ने खासकर तमिलनाडु के चेन्नई में तबाही मचा दी है। 3 दिसंबर की सुबह से 6 दिसंबर 2023 तक चेन्नई शहर में लगभग 500 मिमी बारिश हो चुकी है। सन् 2015 में जब ऐतिहासिक ‘चेन्नई जलप्रलय’ ने शहर को डुबो दिया था, तब 330 मिमी ही बारिश हुई थी। अभी शहर में हालात इतने बुरे हैं कि दुकानों से लेकर घरों तक में बारिश का पानी घुस गया है; सड़कें दरिया बन चुकी हैं और उन पर पर गाड़ियां कागज की नाव सदृश बहती नजर आ रही हैं। कई इलाकों में 2-3 दिनों से बिजली गुल है। मार्गशीर्ष महीने में आये इस चक्रवात ने अभी तक कई लोगों की जान लेकर चेन्नई समेत पूरे तमिलनाडु में दर्दनाक निशान छोड़े हैं।
विस्मय की बात है कि सदियों पहले लिखे गये ‘भविष्य मालिका’ के दो ग्रंथों में इस घटना के बारे में सटीक जानकारी पायी गयी है। महापुरुष अरक्षित दास ने अपने मालिका ग्रंथ ‘महागुप्त पद्मकल्प‘ में आज से लगभग 250 वर्ष पहले ही लिख दिया-
आहुरि गुपत कथाटि मन देइ शुण,
समुद्ररु लहरि जे उठिबटि जाण,
कांची राज्य गोटे बाबु छारखार हेब,
बिंश तिनि अंके ए कथा बिचार।
अर्थात, यह गुप्त बात ध्यान से सुनो: समुद्र से लहरें उठेंगी जो कांची राज्य (यानी वर्तमान तमिलनाडु) में भीषण कहर बरपाएंगी। यह घटना ‘बिंश तिनि अंके’ यानी, सन् 2023 में घटेगी।
महापुरुष अच्युतानंद दास ने भी अपने मालिका ग्रंथ ‘चकड़ा मड़ाण’ में लिखा-
घोर कलिकाल होइब प्रबल दया धर्म न रहिब,
मार्गशीर्ष मासे घोर बात्या हेब घर द्वार भांगिजिब।
अर्थात, कलियुग का अंतिम कालखंड बहुत प्रबल होगा जिस दौरान लोगों में दया और धर्म नहीं रहेगा। मार्गशीर्ष (अगहन) के महीने में घोर चक्रवात होंगे जिनसे घर-द्वार क्षतिग्रस्त हो जाएंगे।